तुम बोल हो मेरे , बाकियों से अनमोल हो,
तुम शब्द हो मेरे , शायद कहीं नि: शब्द हो,
जो मैं बोल ना सकु , वो लेख हो मेरे ,
कविता हूं मैं तुम्हारी , तुम कवि हो मेरे,
कैसे कह दू मैं तुम्हे , कि तुम्हें सुन नहीं पाती,
तुम ख़ामोश हो फ़िर भी अल्फ़ाज़ हो मेरे,
_Kridha