__ नफ़रत __
अफ़वाहों ने ऐसा जोर पकड़ा
इंसानियत का हर वजूद
इंसान के दिलों से मिटा दिया ,
गैरों के ज़हन में भर दिया
नफ़रत का धधकता ज़हर
फिर आपस में बांट दिया
दहशत का ऐसा माहौल
आप इंसान को जीना यहां
बेहाल और दुश्वार कर दिया
यहां शौक से गुनाह एक करें
सबके हिस्से में क्यूं आती है ?
इतनी सज़ा, इतना दर्द..
इंसान पहले तू खुदको जान
हक़ीक़त क्या है यक़ीन रख
फिर दूसरों को इतना सताना ।
-© शेखर खराड़ी ६/२/२०२०