"मुहब्बत बरस रही है"
थका जाता था ढूंढते ढूंढते उसे मैं,
सिर्फ एक झलक उसकी देखने के लिए।
पता नहीं कैसे लेकिन आज कल,
सुबह की पहली मुलाकात उससे हों रहीं हैं।
यह महज इत्तफाक है, या खुदा की किताब में,
लिखे गए मेरी मोहब्बत के पल ।
भरा हुआ गिलास अभी हुआ नहीं खाली,
और उसकी मोहब्बत हम पर बरस रही है।
-मनिष कुमार मित्र"