My Meaningful Poem...!!!
यारों यक़ीनसे ख़ाली दिल बेचैन रहता हैं
यक़ीनसे लबरेज़ दिल पुर सुकून होता हैं
यक़ीन की बुनियाद ही पुख़्ता ग़र हो तो
यक़ीन पर ही यक़ीन दुगना दो जाता हैं
पर यक़ीन में ग़र शक-ओ-सूबा हो तो
यक़ीन कर के भी यक़ीन नही होता हैं
बंदे को चाहिए कि हर वक़्त यक़ीन की
दौलत से मालामाल खुदको क़ायम रखें
क्योंकि यक़ीन से ही जहाज़ 🚢तूफ़ानों
को बिना किसी हादसों के पार करते हैं
यक़ीन ग़र प्रभुजी पर ही हो जाए तो बंदा
जीते जी ही मोक्ष-ओ-मुक्ति पा लेता हैं
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