मुसीबतों के अंधेरे मे क्यूँ रोते हुए बेठा है तु,
रो कर क्यूँ अपने आप को कोस रहा है तु,
ए दोस्त तु ही सिर्फ यहाँ मुसीबत मे उलजा हुआ नहीं है...
अपने आसपास देख हरकोई अपने जीवन से लड रहा है...
आंसु पोंछकर तुजे खडा होना है...
आई हुई मुसीबत का हसकर सामना करके तुजे आगे बढना है,
क्योंकि नया उजाला तेरी राह देख रहा है।
-trupti bhanushali