स्कूल जाती बच्चियाँ देख
तुम्हारे मोहल्ले का लड़का
जब सिटी बजाता है ..
उस मासूम को स्नेह नहीं
वासना से देखता है
अपनी नज़रों में आने वाली
हर स्त्री से अपना संबंध गढ़
तुमसे भी बतलाता है
क्या तुम उसकी नज़रें पढ़ नहीं पाते
क्यों उसे तब ही न रोक पाते हो ..
समाज के ठेकेदारों
क्या नसीहत सिर्फ नारी
के लिए बचा के रखते हो ?
क्यों पहले अपने घर से ही
प्रतिकार नहीं कर पाते हो ?
...✍️
-Sanjay Singh