हज़ारो सवाल दफना दिए इस छोटे से दिल में
आखिर बेरंग जीवन से हमें कैसी मोहब्बत ?
मांगते रहे दुआओ में जिन ख़ुशी के पल को
फिर वही गम मिलने पे हम करें किससे शिकायत ?
ख्वाबों से भरा मन यह मेरा बह गया बारिश की बूंदों में
पहनके नकाब गुलाब का चुभे काँटों की करें कैसे इबादत ?
जिन लम्हों को हम जीने की उम्मीद मान बैठे थे
मिटाके खौफ खुदा का लादी रहन में यह कैसी कयामत ?
अपना मानके दी जगह जिन्हे अपने आलय में
कर गए क़त्ल सरेआम कातिलों से हमें कैसी हिफाजत ?
-Patel Anjali