गुजरा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा
आबादी बढ़ने से प्रकृति पर हमला हुआ
जगंल झाड़ कट गए अब हरियाली कहाँ
घर घर बिजली से रौशन है
साँझ हुई लालटेन के शीशे साफ़ कर
हर कमरे में लालटेन घुमाने की बात कहाँ
अब खेत में चलने लगे ट्रैक्टर
दरवाजे पर अब बैल कहाँ
फेसबुक ट्वीटर पर फॉलोवर भरे हैं
पुराने लोगों की सुनने वाले अब कहाँ है
जिस दुनिया में जी रहे वो नया जहाँ है
कौन करता है पहले सा कद्र हमारा
गुजरा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा