#प्यार #वफ़ा #कसमें #वादे
प्यार वफ़ा कसमें वादें सब बातें हैं
फुरक़त के दिन भी तो काली रातें हैं
भँवरों को लपटों की इतनी चाहत है
फरियादी हैं उल्फ़त के जल जाते हैं
पागलपन है पागल अच्छे लगते हैं
प्यार में अक्सर सपने सच्चे लगते हैं
झूठे सच्चे कैसे भी हों आशिक़ हैं
हँसते हँसते जान लुटाते जाते हैं
उल्फ़त के सौदागर आते जाते हैं
दिलवाले ही अक्सर धोखा खाते हैं
शायर हूँ ग़म लिखता हूँ और खुशियां भी
पन्नों पर बस हर्फ़ मचलते जाते हैं
-पन्ना