रात एक पहेली है,
ख्वाब इसकी सहेलि है।।
सुलझा सका जो इसे,
उस शख्स की बात अनोखी अनकही है।।
अंधेरो से भरी इस रात की,
चाहत अनकही फिर भी बयानी है,
खामोशियों से लिखे जो तन्हाई को,
वो इसकी गहराई है।।
रात एक पहेली है....
हर किसी के बस में ना ये पहेली है,
अंधेरों से उजालो तक के सफर की,
एक अजीब सी ,खूबसूरत सी दास्तां है,
समझ सका जो इसे,
जमाने में उस शख्स की बात भी निराली है...
रात एक पहेली है।।।।।
-Shikha