पल दो पल युही सफर हमारा चलता रहे..!
हो हाथो में हाथ तेरा मेरे हाथो में। ओर हमारा साथ जीवन भर युहि चलता रहे।।
घड़ी दो घड़ी का सफर जीवन भर का सफर बन जाए। साथ रहे हमारा उम्र भर के लिए। सदा जीवन जल की धारा की तरह बेहता जाए।।
सुबह हो के साम दिन हो या रात हर पल रहो तुम मेरे साथ, बस है यही ख्वाब रहे हर दिन "स्वयमभु" मेरा तेरे हाथो में हाथ।।
अश्विन राठौड़
"स्वयमभु"