मैं ही मस्त मौला है, आप में ठहर गया
भुलाकर खूद को, बेखुदी में ठहर गया ।।
जिंदादिल हर वक्त, बन जाता दोस्ताना,
हंसी खुशी का जाम, हाथ में ठहर गया ।।
सांसोंमें ताजगी भरके सुकुन दिल सदा,
मौज मस्त रुहानी आलम में, ठहर गया ।।
दिल ए नूर , शहंशाही का वोह खजाना,
मालामाल हो जाए, फकीरी में ठहर गया ।।
आनंद बाजार ए इश्क, नहीं है यकीनन,
मौज ए मस्त दिवाना , आपमें ठहर गया ।।
-મોહનભાઈ આનંદ