My Wonderful Poem..!!!
जुनून में दामन-ए-दिल गरचे तार तार हुआ
मगर ये जश्न भी सर-ए-कूचा-ए-बहार हुआ
हर एक सज्दे में भी दिल को तेरा ख़याल आया
यह मासूम गुनाह इबादत में भी बार बार हुआ
लगीं इश्क़ की यूँ लगी जैसे बेईमान-सा दिल
उन्हीं के तसव्वुर में यूँ गुमशुदा हज़ार बार हुआ
हसरतें ख्वाहिशें फ़रमाइशें आज़माइशें
यूँ हूई
दिल ही दिल के हाथों मजबूर लगातार
हुआ
ग़ज़ब की कश्क है मोहब्बत की कशिश में यारों
जहाँ में बंदा गर जो भी बीमार-ए-इश्क़ हुआ
जाम-ए-रुख़सदी-ए-जहाँ पी के शहीद हुआ
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