एहसासों की स्याही से ज़ज्बात लिखते हैं,
जो महसूस हो वही हम हालत लिखते हैं,,
खुशी हो या गम, हँस के रो लिया करते हैं,
दर्द छुपाकर बस एक मुस्कराहट लिखते हैं,,
बीते हुए लम्हों में जीने की आदत नहीं हमे,
जो भी हो जैसा भी हो बस आज लिखते हैं,,
ज़ख्म कुरेदकर फिर मरहम नहीं मांगते हम,
यूँही मौत की आगोश में जिंदगी लिखते हैं,,
कतरा कतरा निचोड़कर एहसास लिखते हैं,
और लोग कहते है वाह क्या खूब लिखते हैं...
-Tinu Rathod _તમન્ના_