तुम्हारा साथ
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तुम्हारे साथ साथ चलना है हमको
अपने नसीब को बदलना है हमको
मत छोड़ना कभी तुम ये साथ मेरा
तुम संग दुनियां बदलना है हमको
थामे रखना तुम मेरा हाथ हर-दम
हर हाल में अब संभलना है हमको
हो जाय हम एक दूसरे का सहारा
लड़खड़ाये बिना चलना है हमको
बस एतबार ही हो हमारे दरमियाँ
बेकार नफ़रतों से बचना है हमको
बात मुख़्तसर बस इतनी सी ही है
ग़म की ज़द से निकलना है हमको
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-सन्तोष दौनेरिया
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