.
फूल बिखरे है चारों तरफ़ हर-सू बहार है
आप साथ तो सारा आलम ख़ुश-गवार है
हो मौसम-ए-सर्मा या हो मौसम-ए-गर्मा
साथ आपका तो हर मौसम साज़गार है
आप आते है तो रौनक-ए-बहार आती है
आप के दम से ही तो, बहारों पर बहार है
देख लेना! मिलने तो वो आएँगे सौ बार
दिल उन का भी इश्क़ में दीवाना-वार है
इंतज़ार पस्त है उनके इंतज़ार में 'सन्तोष'
आ भी जाए वो जो मेरे दिल का क़रार है
---------------------
-सन्तोष दौनेरिया
(हर-सू - हर तरफ़, आलम - दुनिया, ख़ुश-गवार - सुखद, सर्मा - शर्दी, गर्मा - गर्मी, साज़गार - अनुकूल, दीवाना-वार - उन्मादी, पस्त - थका हुआ, क़रार - चैन)
.