[माता अंबे जगदंबे जग कल्याणी माता भवानी के आठवें रूप माता महागौरी को बारंबार प्रणाम नमन नमस्कार है ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का] 🙏Brhamdutta Tyagi Hapur🙏: दुर्गा पूजा आठवीं नवरात्रि माता महागौरी आपको ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का प्रणाम नमन नमस्कार है
[माता महागौरी का पूजन विवरण] 🙏Brhamdutta Tyagi Hapur🙏: नवरात्र आठवां दिन
महागौरी
नवरात्री के आठवे दिन यानि की अष्टमी तिथि को महागौरी की
पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान
शिव को अपने पति रूप में पाने के लिए देवी माँ ने कठोर तप
किया था जिस कारण माता का पूरा शरीर काला पड़ गया था.
भगवान् शिव ने देवी की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर इन्हें
अपनी पत्नी रूप में स्वीकार किया था और शिवजी के दर्शन से
इनका रंग गौर हो गया जिस कारण इनका नाम गौरी पड़ा.
महागौरी का रूप बेहद करूणामयी, शांत और मृदुल दिखाई
देता है. जो भी भक्त की माँ के इस रूप की आराधना सच्चे
भाव से करते है मां उन्हें अक्षय आनंद और तेज का वरदान
प्रदान करती है.
[मंत्र ध्यान एवं स्तुति मां महागौरी की] 🙏Brhamdutta Tyagi Hapur🙏: माँ महागौरी
मंत्र
'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:।'
स्तुति
गौर वर्ण, श्वेताम्बरधरा
चार भुजा, वाहन वृषभा
डमरूधारी शिवअर्धाग्नि
महागौरी शुभ: नमो नमः !!
ध्यान
वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥
पुणेन्दुनिभांगौरी सोमवक्रस्थिातांअष्टम दुर्गा त्रिनेत्रम।
वराभीतिकरांत्रिशूल ढमरूधरांमहागौरींभजेम्॥
पटाम्बरपरिधानामृदुहास्यानानालंकारभूषिताम्।
मंजीर, कार, केयूर, किंकिणिरत्न कुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांत कपोलांचैवोक्यमोहनीम्।
कमनीयांलावण्यांमृणालांचंदन गन्ध लिप्ताम्॥
[आरती मां महागौरी जी की] 🙏Brhamdutta Tyagi Hapur🙏: जय महागौरी जगत की माया
जया उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरी वहां निवासा॥
चंद्रकली और ममता अंबे।
जय शक्ति जय जय माँ जगंदबे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती सत हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़