इतनी सी अरदास#नवरात्रि
(कविता)
हे मां इस नवरात्रि ,है मेरी इतनी सी अरदास
दे अपने भक्तों को सद्बुद्धि और दे सद्ज्ञान
ना मारे वो अजन्मी बच्चियों को गर्भ में
ना छीने उनसे जन्म से पहले, जीने का अधिकार।
हे मां इस नवरात्रि, है मेरी इतनी सी अरदास
ना रहे कोई भूखा प्यासा, ना हो कहीं अंधकार
जैसे रोशनी में नहाते शहर, महल, अट्टालिकाएं
वैसे ही गरीबों के झोपड़े और जीवन में फैले प्रकाश।
हे मां इस नवरात्रि, है मेरी इतनी सी अरदास
हर नारी बन जाए तेरी प्रतिमूर्ति
बनकर काली करें दुष्कर्मियों राक्षसों का संहार
इस नवरात्रि मांगे तुझसे हम सब ये वरदान।।
सरोज ✍️
-Saroj Prajapati