मेरी पहचान है तू,
मेरी परछाई, मेरा सम्मान है तू,
तेरा चेहरा है खास मेरे लिए।
मेरा अभिमान और स्वाभिमान है तू।
यकीन है मुझे खुदा पर,
दिन सवर ही जायेंगे
अब ज्यादा क्या कहूं,
मेरी उदास रूह की जान है तू,
बन ऐसी मिशाल कि लोग कहें,
सुनीता का लाल है तू।
-Suneeta Gond