शिद्दत से करते थे हम प्यार तुम्हें,
तुम्हीं ना समजी प्यार की गहराई;
में तो चाहता था बस साथ तुम्हारा,
तुम छोड़ गये हमें बनकर हमराही;
हम तो करते रहे सदा वफा तुमसे,
फिर तुमने क्यों की हमसे बेवफाई;
ऐसा क्या गुनाह किया मेंने ए खुदा?
की हमारे हिस्से में आई ये जुदाई;
ओर किसे शिकायत करे हम अब,
जब मेरा यार ही निकला हरजाई;
#तुम्हारा