https://youtu.be/739dN_Yy6lc
महर्षि वाल्मीकि रचित योगवशिष्ठ महारामायण के उत्पत्ति भाग में महर्षि वशिष्ठ श्रीराम जी को मानसिक अवसाद से बाहर निकालने के लिये आकाशज नामक ब्राह्मण से मृत्यु की हार की कहानी बताते हैं। जब मृत्यु अपने स्वामी यमराज के पास जाती है और अपनी हार का कारण पूछती है, तब यमराज अपनी सेविका मृत्यु को उसकी हार का कारण बताते हुए जीवन की सत्यता के दर्शन कराते है।