# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .शिकार "
# कविता *
तेरी नजरों का ,शिकार हो गया हूँ ।
मैं दिल ही दिल में ,तुझें चाहने लग गया हूँ ।।
तेरे रुप का दीवाना ,हो गया हूँ ।
तेरे चाँद से मुख ,को निहारने लग गया हूँ ।।
दिल बैचेन हो गया है ,जिस दिन से मिला हूँ ।
तेरे प्रेम का ,रोगी बन गया हूँ ।।
तेरी एक झलक पाने ,उतावला हो गया हूँ ।
तेरी सादगी का ,शिकार हो गया हूँ ।।
-Brijmohan Rana