ग़र प्यार का इजहार ना हो,
तो वो प्यार नहीं|
क्या हुआ जो तुमको,
मुझ पर ऐतबार नहीं||
एक बार ऐतबार तो करो,
पूरी शिद्दत से|
फिर कह ना पाओगे,
कि प्यार नहीं||
तुमने ना किया भरोसा,
हम पर|
लेकिन तेरी बेवफाई से,
मुझे कोई ऐतराज नहीं||
मेरी जुबां से भले ही,
ना निकले तेरा नाम|
लेकिन कैसे कह दूँ,
कि दिल मे तेरा नाम नहीं||
-Maya