दौडती जिन्दगी का ठहराव हो तुम,
जिद्दी बच्चे का पूरा होता ख्वाब हो तुम;
जिसे रात ने गले लगाया है वो शाम हो तुम...!
कायनात के जिस्म का नूर हो तुम,
सितारों की तरह दूर हो तुम,
के जिसकी रोशनी से ही आंखें बहक जाती हैं;
वो बेतहाशा तराशा हुआ कोहिनूर हो तुम...!!😍
-Pooja Bhardwaj