उसका यू अपमान ना कीया करें
है खडा वो अपने घर से दूर वतन की सुरक्षा करने को
है खडा वो अपने घर से दूर तुम्हारी सुरक्षा करने को
वतन के इस रक्षक को अनदेखा कर उसके साहस का यू अपमान ना किया करे
त्याग कर सभी सुख-सुविधाए वो खडा है सरहद पर
खुशी से जेल रहा वो अनगिनत गोलिया वो अपनी छाती पर
उसके बलिदान को राजनीती बनाकर उसका यू अपमान ना किया करे
वो लेता है कुछ सख्त फैसले तुम्हारी भलाई मे!
तुम्हारा भला छुपा है उसके सख़्त फेसलो मे!
उनपर पथर फेककर उसके फेसलो का यू अपमान ना किया करे।
शत शत नमन है उसस योधा को जो कुर्बानियां देने से हिचकिछाया नही
शत शत नमन है उस रक्षक को जो मोत को सामने पाकर डगमगया नही
उसके वतन रक्षा के संकल्प को भ्रश्टाचार से तोडकर यू उसका अपमान ना किया करे
-Mr માનવી