वो बचपन भी कितना प्यारा था
नासमझ ही थे हम अच्छे
कितना लड़ते कितना झगड़ते
लेकीन कुछ ही पलमें फ़िर एक हो जाते
जैसे बड़े हुए, समझ आ गई ,
अकल आ गई
साथ में अहंकार भी आ गया,
मैं क्यों सॉरी बोलूं? मै क्यों माफी मांगू?
उसकी गलती है, वोह बोलेगा
कितने ही रिश्ते टूट जाते है
लेकीन हमारा अहंकार उम्र के साथ
और ज्यादा बढ़ता हैं
काश...!
काश वो बचपन वापस मिल जाएं
तो सारे झगडे ही ख़तम हो जाए
#झगड़ा