मेंहदी अजब निराली है
गजब इसकी कहानी है
दिखती है ये हरी- हरी
लाल - लाल कर देती है
रिश्तों में ये हिना
खुशियों के रंग भर देती है
सूखकर , झड़कर, अलग होकर ये
नयी जान भर देती है
सूखे पड़े रिश्तों में भी
ये प्रेम का रंग भर देती है
देखकर इसका सुर्ख रंग
नवविवाहिता के ,
कोमल हाथ याद आते हैं
बरसों पुराने,
यादों के सफर में ले जाते हैं
मुरझाए,निष्प्राण से रिश्ते में
एक नई जान भर देती है
जब झुर्रियों भरे हाथ की
हिना को भी प्यार से चूम लेते हैं
मेंहदी का रंग जब
गालों पर उतर आता है
तब मेंहदी का अस्तित्व
सार्थक हो जाता है ।।।।।