# कविता **
# विषय .रुह **
हर पल तेरे ,रुबरु हो जाऊँ ।
तेरे में रम कर ,तुम हो जाऊँ ।।
तेरे संग प्रेम का ,पुष्प हो जाऊँ ।
उसमें महकती खुशबु ,बन जाऊँ ।।
तेरी हर अदा और ,रंग में रंग जाऊँ ।
तेरे ख्वाब की ,तस्वीर बन जाऊँ ।।
जन्मों जन्मों की ,बंदिशें तोड़ जाऊँ ।
मेरी हसरत है तेरी ,रुह बन जाऊँ ।।
-Brijmohan Rana