आज बृहस्पतिवार वीरवार गुरुवार सुबह का शुभ विचार ब्रह्मदत्त
पेड़ कभी भी डाली
काटने से नहीं सुखता,
पेड़ हमेशा जड़ काटने से
सूखता हैं….
वैसे ही इंसान अपने
कर्म से ही नहीं बल्कि अपनी
छोटी सोच और गलत
व्यवहार से हारता हैं.....✍
कभी धर्म कर्म पर भारी बनता है... तो कभी कभी कर्म धर्म पर भारी बनता है लेकिन छति सदा बेईमानी की होती है, चाहे वह कर्म में हो चाहे वह धर्म में हो ब्रह्मदत्त
किसी ने कितनी खुबसूरती से सही कहा है ....
खुशियां आये जिंदगी मै तो
चख लेना मिठाई समझ कर🍥 ....
जब गम आये तो वो भी
कभी खा लेना दवाई समझ कर
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ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
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