क्षमापना कोई आडंबर नहीं,
यह पर्व है पापों को धोने का,
अहंकार में लिप्त होने का नहीं,
निर्मल भावो से मन का मेल धोने का,
विषय कषायो में फसने का नहीं,
कर्म बंधनों से मुक्त होने का,
गलतियों की गांठ लगाने का नहीं,
यह वक्त है उलझी गांठ को सुलझाने का,
पुरानी गलतियों को दिल से लगाने का नहीं,
यह वक्त है क्षमा करने का और कराने का,
क्षमा मांगने से कोई छोटा होता नहीं,
क्षमा करने वाले से बड़ा और कोई होता नहीं,
अनजाने में हुए हैं हमसे जो भी भूल और पाप,
इन सबके लिए मुझे क्षमा करें आप।
क्षमा वीरस्य भूषणमं।
उत्तम क्षमा 🙏🙏🙏
-साक्षी जैन