# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .पंक्ति "
# छंदमुक्त कविता **
पक्षी पंक्तिबंध ,आकाश में उड़ते ।
आकाश को पंखो से ,पल में छूते ।।
अपने पंखों से ,निराली छटा दिखलाते ।
सुबह पंक्तिबंध ,उड़ते सुदंर लगते ।।
पक्षी भोले पालतु ,होते ।
ये भी प्रेम के ,भुखें होते ।।
लोग इन्हें ,धरों में पालते ।
पक्षी अलग अलग ,बोली बोलते ।।
कोयल अपनी मीठी ,कुहूंक से मन मोह लेती ।
मोर नृत्य कर ,दिल जीत लेता ।।
कबुतर सुदंर ,संदेश ले जाता ।
चिडीयाँ ची ची कर,सुदंर चहकती ।।
पक्षी वायुमंडल को ,शुद्ध स्वच्छ करते ।
पक्षी प्रकृति की ,रखवाली करते ।।
पक्षी हमारा मनोरंजन ,भी करते ।
पक्षी मानव का ,रिश्ता अनमोल होता ।।
-Brijmohan Rana