🌻💢 🌿🌹जय श्री कृष्णा🌹 🌱 💢🌻
सुबह तेरी याद आयी..
"सुबह-सुबह अपना फोन उठाकर देखा,
तेरा संदेश आया कि नहीं आया?
जिस तरह से पलकें खुली, कुछ अलसाई सी,
तीव्रता से बोझिल पलकें फिर से
अपने आप बन्द हो गईं, क्योंकि तेरा
प्यार भरा संदेशा जो नहीं था।
अभी नींद में था, इतने में मोबाइल
काँपा, मैंने भी मोबाइल में झाँका।
आहा! तेरा संदेशा आया जैसे
मेरे लिए खुशियों की सौगात लाया।
मैंने फिर से आँखें बन्द कर ली,
और फिर से तेरी बातों में खो गया,
तेरी यादों में खो गया।
जाने ये कैसा एहसास है,
जिसमें मखमल सा आभास है।
प्यार, प्रेम और महोब्बत,
ये शाब्दिक भ्रम हैं जैसे।
ए मेरे 'दोस्त' तेरी दोस्ती से बढ़कर
क्या है मेरे लिए, बाकी तो सब बकवास है।
तेरे आने से खुशबू जैसे फैल गयी।
महक उठी भीनी-भीनी हवाओं में,
बनकर के शीतलता,
मन में उठी एक तरंग सी,
जैसे रूह में उठी सिरहन सी।
मसनद पर सिर टिकाए हुए,
देखा उन्मुक्त आकाश को
एक दम साफ-स्वच्छ, निर्मल सा।
कुछ बादल थे काले-काले
हल्के-फुल्के, कपास की रुई हो जैसे।
वो न बरसे!
तेरी यादों में खोकर के मेरी आँखें
बरसने लगी।
सब कुछ स्थिर था अनन्त-आकाश भी
और मैं भी,
चलायमान थे तो सिर्फ आँसू...
इतने में प्रभाकर निकल आए,
रुखसार पर अभिसार मोती चमकने लगे,
सूरज की रश्मियों से,
चमकते हों नीहार-कण जैसे।
फिर, तेरा मुखमंडल स्मरण
हो आया,
मुखारविंद प्रतिबिंबित हो आया।
महसूस हुआ अंतर्मन में
एक दिव्य ज्योति सा प्रकाश।
फिर से मन खिल गया है,
जैसे रूठा बालक मान गया है।
तुम उन दोस्तों में प्रथम हो,
जो सोख लेते हैं सारे गम,
परेशानी सारी, और
आगे बढ़ने की राह दिखाते हैं।"
✍️ परमानन्द 'प्रेम' NHR💞
💢🌼💢 🌿 💢🌹💢 🌱 💢🌻💢