...स्त्री...
जब तूटकर प्यार करती है,
रोती है...
जब तूटती है,
रोती है...
डरा करें उन आंखो से,
जो रातभर जागकर आंसू बहाती है।
इनसे बचने के रास्ते
आसान नहीं।
और
उससे भी अधिक
चुनौती तब की है,
जब वो खुद तूटकर सम्हालना सिख लेती है।
तब
उसे जरूरत नहीं रहेती किसी ऐसे साथी की,
जो उसे सम्हाल ले।
। स्त्री की ऐसी खुद से सम्हालने की शक्ति से डरो ।
...Abhipsha...