हमारा सांझा उपन्यास।
Perfect example of team work.
कविता वर्मा, वंदना गुप्ता, वंदना बाजपई , मैं रीता गुप्ता और मानसी। लॉकडाउन के वो बीस दिन, पाँच शहरों की पाँच लेखिकाएं और एक उपन्यास- देह की दहलीज पर । विषय वस्तु कविता जी का रहा और हम सब ने अपनी अपनी सोच की धरातल एक कर ली। स्वयं की स्थापित शैली को तज एका कर ली हमने ताकि पाठकों को पढ़ने के दौरान विभिन्नता कंकड़ सा अखरे नहीं। इस उपन्यास ने प्रकाशन के साथ ही डाउनलोड की तेज रफ़्तार को प्राप्त कर लिया था। मातृभारती के हमसब आभारी हैं जिन्होंने हमें ये सशक्त प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराई।
सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करता हमारा उपन्यास।