# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .कमी **
# कविता "
क्या कमी रह गयी मेरे प्यार में ,
जो मेरे से मुँह मोड़ लिया ।
क्या कमी रह गयी मेरे रुप में ,
जो आँखों से ही गिरा दिया ।।
क्या कमी रह गयी मेरे यौवन में ,
एक नजर देखना गंवारा नहीं हुआ ।
क्या कमी रह गयी मेरी दोस्ती में ।।
दो कदम साथ चलना छोड़ दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरे दिल में ।।
दिल से दिल मिलाना छोड़ दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरी नजरों में ।।
नयन से नयन मिलाना छोड़ दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरी हसरत में ।।
दिल की बातें बताना छोड दिया ।
क्या कमी रह गयी मेरी यारी में ,
मुझसे यारी निभाना छोड़ दिया ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।