My Wonderful Poem...!!!
यारों बीज अच्छाई के ही सदा बोतें रहो
पहचान अपनी एसे ही पीछे छोड़ते रहो
आएँ हो जहाँ में सिर्फ़ इम्तिहान के लिए
यही ख़्याल में हर कर्म अपना करते रहो
दौलत ही की दौड़में वक़्त ज़ाया न करो
कफ़नमें जेबोंका प्रावधान ही नहीं होता
यहाँ का सही-ग़लत तरीक़े से कमाया
यही छोड़ जाना है फ़िर क्यूँ कर्मके फल
में खिलवाड़ की दीमकों को लगाना है
बस फ़्ल अच्छे कर्मके नस्लोंको देते रहो
प्रभु-परस्ती में जीवन व्यतीत करते रहो
गोविंद बेड़ा सब देखत-सुनत जानत है
✍️🌹🌹🥀🙏🙏🙏🥀🌹🌹✍️