# मुक्तक "
# विषय .मुरलीधर **
मुरलीधर तेरे श्रृंगार अनोखे लागे ।
मुरलीधर तेरी मुरली सुहानी लागे ।।
कान्हाँ तेरे जैसा जग में कोई नहीं ठहरा ।
मुरलीधर तेरा मोरपंख सुहाना लागे ।।
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राधा के मोहन तेरी अदा निराली लागे ।
राधा के मोहन तेरी बाँकी चितवन सुहानी लागे ।।
कान्हाँ तेरे जैसा अवतारी पुरुष कोई नही ठहरा ।
राधा के मोहन तेरी छटा सुहानी लागे ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।
सभी को जन्माष्टमी की बधाई और शुभकामना हो ।