My Wonderful Poem..!!!
अच्छी बातों का असर
मेहफ़िल के ख़त्म होने तक
साथ साया भी है तो है
फ़क़त जिस्म बंदे का होने तक
खुशामद-गवाह बंदे भी
ग़र है तो साथ दौलत होने तक
एहसास-ए-फ़क़ीरी भी
है तो तवज्जो ज़िन्दा होने तक
ग़र रहे न साँस न एहसास
फिर मुक्तिबोध भी तो निरर्थक
गोय़ा इम्तिहान जो भी है तो
है साँसों की आव़न-जाव़न तक
कर्म की क़लम 🖊 से लिख
करनीं-किताब ज़िन्दा होने तक
कर ले कर्म कुछ एसे नादान
कि प्रभु ख़ुश ओर जीवन सार्थक
बाकि यहाँ बोये बीज-फ़ल ही
करेंगे तय मिले तुझें स्वर्ग या नर्क
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