Hindi Quote in Good Evening by ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़

Good Evening quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

[शुभ शुक्रवार वंदन आरती मां दुर्गा
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर
वाली।
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती ||
तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी |
दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह
सवारी ||
सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं
वाली।
दुखियों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती ||
माँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल
नाता|
पूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता

सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने
वाली।
दुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती ||
नहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना
|
हम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा ;
कोना||
सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने
वाली।
सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम
सब उतारें तेरी आरती ||
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर :
वाली।
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब
उतारें तेरी आरती||
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
लक्ष्मी ]
[ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी
माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता
|| ॐ जय... ||
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही हो जग-माता

सूर्य चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय... ||
दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन
पाता ॥ ॐ जय... ||
तुम ही पाताल बसंती, तुम ही शुभदाता ।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता
॥ ॐ जय... ||
ब जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय... ॥
तुम बिन यज्ञ न होवे, वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय... ||
शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय... ||
श्री महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर
गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥
ॐ जय... ||
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
मां सरस्वती]
[आरती सरस्वती माता की
कज्जल पुरित लोचन भारे स्तन युग शोभित
मुक्त हारे,
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते भगवती भारती
देवी नमस्ते ॥
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती
माता,
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥
जय सरस्वती माता ॥
चंद्रवदनि पदमासिनी घुति मंगलकारी,
सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥
जय सरस्वती माता ॥
बाय कर में वीणा दायें कर में माला,
शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला

जय सरस्वती माता ॥
देवी शरण जो आयें उनका उद्धार किया,
पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥
जय सरस्वती माता ॥
विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो,
उमोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश
करो ॥
जय सरस्वती माता ॥
धुप दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो,
ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥
जय सरस्वती माता ॥
माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर
गावें,
हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥
जय सरस्वती माता ॥
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती
माता,
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता॥
जय सरस्वती माता ॥
ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़

Hindi Good Evening by ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ : 111534262
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now