मैं लव्ज हूँ या फ़साना ,ए जिन्दगी सुन
छोटा सा एक तराना , ए जिन्दगी सुन
वक़्त से पहले बड़े हो गये , पैरों पर हम खडे हो गये
छोटेपन में लगे कमाने , माँ बाबा का हाथ बटाने
बचपन का कारनामा , ए जिन्दगी सुन
नवयौवन का अंकुर फूटा , लिखने लगे एक किस्सा झूठा
हाय मोहब्बत एक तरफा थी , टूट गया दिल सपना टूटा
हुए इश्क़ में हम नाकाम , ए जिन्दगी सुन।।