# आज की प्रतियोगिता "
# विषय .आधा "
** कविता **
आधा है चन्द्रमा ,रात आधी ।
रह न जाये तेरे मेरे ,दिल की बात आधी ।।
आस कब तक रहेगी ,मेरी अधूरी ।
क्या मन की बात ,कभी नहीं होगी पुरी ।।
प्यासे नयन ,प्यासा चमन ,प्यासे मन की बात आधी ।
तेरे मेरे मिलन ,की बारात रही आधी ।।
अंखियों में अनेक ,उमंग रही आशाएँ ।
मनवां मिलन को तरसे ,
अंखियों से झर् झर् नीर बरसे ।।
तेरे मेरे दिल की ,कहने की रही बात आधी ।
प्यासे नयनों की रही ,मुलाकात आधी ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।