छोड़ क्यों नहीं देते इस दुनिया में मुझे अकेला।
मैं भी तो देखूं दुनिया ऐ की मेला ।।
मैं भी उड़ना चाहूं चलना चाहु जब मन हो अकेला।
क्यों बंद कर रखे हो मुझे इस दुनिया में यूं ही अकेला।।
रात हुई तो सुबह भी हुई दोपहर से शाम हुई।
मैं भी जीना चाहूं औरों की तरह अकेला।।
Maya😊
राहों में मुझको कोई ना रोके चलने दे मुझे अकेला।
क्यों मैं तुम का भेद बना छोड़ दे मुझे अकेला।।