# कविता **
# विषय .शाम **
मीठे गीतो की ,चादर ओढ़े ।
एक सुहानी शाम ,चली हौले हौले ।।
गुलाबी अधरों ,की पंखुड़ियों पर ।
कोई सुहानी धून ,सी सजा कर हौले हौले ।।
नयनों की चमक ,धुंधट तले ।
दीए सी जली ,अब हौले हौले ।।
पायल सी रुनझुन ,गीतों की ।
गुंजन सी ,दिल में उठी हौले हौले ।।
अजनबी ,अनछुई सी ,धबराई ।
फिर शाम चली ,हौले हौले ।।
आंचल से छिटकते ,गीतों की ।
खुशबु सी ,बिखेरती हौले हौले ।।
पीछे दिल को ,चुराती महकाती ।
एक शाम नव यौवना ,सी मुस्कराती चली हौले हौले ।।