"शिव"
श्रावण में महिमा मेरे "शिव" की, पुरी दुनिया में दिखती है, जाखी मेरे "शिव" की, (२)
हिमालय में रेहने वाले सब भक्तो की मनत पुरी करने वाले, शिव मेरे है भोले भंडारी..! करते है सब की इच्छा पुरी.! श्रावण में...
कैलाश है ऊंचा धाम तेरा अमरनाथ से नाम तेरा, सोमनाथ से जुड़ा है तु,
काशी विश्वनाथ में भभूत लगाए, शिव सबसे ऊंचा बैठा है, तु..! श्रावण में...
"स्वयमभु" तेरी महीमा गाए.! तीनो लोक तू करे उजियारे, सब तेरा जब नाम बोले, शिव की ज्योति सदा सब पर रहे, भोलेनाथ की गाथा हर कोई गाए..! श्रावण मे...!
- अश्विन राठौड
"स्वयमभु"