रूठ गया है दिल सब से आप गए हैं जब से
पहरों सोने वाले जाग रहे हैं कब से
तारीकी सन्नाटा तोबा ऐसी रात से
कौन वफा का पैकर हम वाकीफ हैं सबसे
गम ही गम देखा है आंख खुली है जब से
हम मुजरिम है लेकिन बात तो कीजिए ढब से
क्या लेना क्या देना हंसकर मिलिए सबसे
बात तो करो कुछ " हादी " चुप बैठे हैं कब से
good morning