**स्वशिक्षा**
Part १
प्रिय पाठकों,
आज मै आप सबके सामने स्वशिक्षा की मदद से हिंदी साहित्य में, उपयोगी जानकारी को आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूं।
ये आज का अंक आपको कैसा लगा इससे सम्बंधित सुझाव आप मेरे साथ जरूर साझा करें ।
धन्यवाद्।
आज के अंक में हम निम्न बातें जानेंगे ।
1. गज़ल क्या है ?
2. बहर क्या है ?
3. मिसरा क्या है ?
4. शे‘र क्या है ?
5. काफ़िया क्या है ?
6. रदीफ़ क्या है ?
7. मतला क्या है ?
8. मक्ता क्या है ?
तो दोस्तों आज के अंक की शुरुआत करता हूं -
1. गज़ल क्या है ?
ग़ज़ल पर्शियन और अरबी भाषाओं से उर्दू में आयी। ग़ज़ल का मतलब हैं औरतों से अथवा औरतों के बारे में बातचीत करना। यह भी कहा जा सकता हैं कि ग़ज़ल का सर्वसाधारण अर्थ हैं माशूक से बातचीत का माध्यम।
लेकिन जैसे जैसे समय बीता ग़ज़ल का लेखन बदला, विस्तृत हुआ और अब तो ज़िंदगी का ऐसा कोई पहलू नहीं हैं जिस पर ग़ज़ल न लिखी गई हो।
गज़ल एक ऐसी विधा है जिसके लिए कुछ नियम बने हुए हैं, उन नियमों को ध्यान में रखें बिना हम कभी भी गज़ल नहीं लिख सकते।
ग़ज़ल शेरों से बनती हैं। हर शेर में दो पंक्तियां (मिसरा) होती हैं। शेर की हर पंक्ति को मिसरा कहते हैं। ग़ज़ल की ख़ास बात यह हैं कि उसका प्रत्येक शेर अपने आप में एक संपूर्ण कविता होता हैं और उसका संबंध ग़ज़ल में आने वाले अगले पिछले अथवा अन्य शेरों से नहीं होता।
अगर ऐसी किसी पंक्तियां जिसका संबंध ग़ज़ल में आने वाले अगले पिछले अथवा अन्य शेरों से होता है तो उसे नज़्म कहा जाता है।
अर्थात, किसी ग़ज़ल में अगर 10 -12 शेर हों तो यह कहना ग़लत न होगा कि उसमें 10 -12 स्वतंत्र कविताएं हैं।
अगर और जानने की इच्छा हो रही है तो मेरी बुक को डाउलोड करें और आपको ये जानकारी कैसी लगी कमेंट में बताएं।
https://quotes.matrubharti.com/111501860
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