होगा दीदार कब तक तुम्हारा ।
तुमसे ज्यादा न कोई हमारा ।।
राजेदिल कैसे तुमको बता दूं।
होगा धोखा न कोई ग़वारा ।।
प्यार में ग़म की दौलत मिली है।
ग़म से ज्यादा न कोई प्यारा ।।
ढेर मिट्टी का अब प्यार है
इश्क तन्हा न कोई सहारा ।।
बीच दरिया में हम आ खङे हैं ।
दिखता मेरा न कोई क़नारा।।
दास्तां किसको जाकर सुनायें ।
बहती नदिया न कोई धारा।।