#જીવંત
जिंदा रहने के लिए तू नही,
उड़ती हुई परिंदो की तरह,
तेरी याद ही काफी है।
जिंदा रहने के तेरा सपर्श नही,
किसीकी बस्ती हुई जिंदगी की तरह,
तेरी हूँफ़ ही काफी है।
जिंदा रहने के लिए तेरा यहाँ रहना नहीँ,
ये सफर जिंदगी की तरह,
जिंदगी भर का तेरा साथ ही काफी है।
जिंदा रहने के दूर रहके के भी,
भीतर का अहेसास काफी है।
जिंदा रहने के लिए ,
तेरी सदा हँसीन मुस्कान ही काफी है।
जिंदा रहने के लिये, तेरी कसम सनम
गिर गई में इस जिंदगी की राह में,
फिर भी उठने की हिम्मत दी तूने।
जीने के लिए वो ही काफी है।
जिंदा रहने के लिए तू नही सही,
तेरी याद ही काफी है।
✍️माही