# आज _ की _ प्रतियोगिता "
# आज _ का _ विषय _ अनुवर्ती "
# विधा _ कविता ***
आपका स्वभाव बहुत ,हंसमुख ठहरा ।
आपका स्वभाव बहुत ,खुशमिजाज ठहरा ।।
आपका दिल बहुत ,पाक ,निर्मल ,दयालु ठहरा ।
आपका वर्तन ,आँखों का तारा ठहरा ।।
आपका मिलन ,आनंददायक ठहरा ।
आपका दिल बड़ा ,परोपकारी ठहरा ।।
आपका दिल दुसरों ,के लिए आँसू बहता ठहरा ।
आपका दिल दुसरों के लिए ,दुंआ मांगता ठहरा ।।
आपका दृष्टिकोण ,कल्याणकारी ठहरा ।
आपका अनुवर्तीपन ,दिल को भाता ठहरा ।।
बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।