#उन्नति
उन्नति के मापदंड हमें खुद तय करने होंगे...क्योंकि कभी-कभी इंसान उन्नति के बावजूद भीड़ में अकेला होता है। कहने को तो साथ अपने एक दुनिया चलती है... पर किसी को पता भी नहीं चलता जिस उन्नति के पीछे जीवन भर भागते रहे...उनके दिलों में चुपचाप एक तन्हाई पलती है।
डॉ. रंजना जायसवाल